self care tool kit hindi
प्राचीन काल से हमारे देश में गुरु का अपने िशष्यों के जीवन में महत्व अतुलनीय माना गया है । जब एक जीव जन्म लेता है, तो सबसे पहले वह उसके माता िपता अथवा सं बं िधयों से अपने सं स्कार पाता है । िफर िशक्षा द्वारा वह अपने ज्ञान की वृिद्ध करता है ।
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Description
प्राचीन काल से हमारे देश में गुरु का अपने िशष्यों के जीवन में महत्व अतुलनीय माना गया है । जब एक जीव जन्म लेता है, तो सबसे पहले वह उसके माता िपता अथवा सं बं िधयों से अपने सं स्कार पाता है । िफर िशक्षा द्वारा वह अपने ज्ञान की वृिद्ध करता है । पाया जाता है की िजस वातावरण में बच्चा पलता है और बड़ा होता है, उसका प्रभाव जीवन व्यतीत करने की धारणाएं प्रदान करता है । स्कू ली िशक्षा में एक िशक्षक का अित महत्वपूणर् योगदान है । अगर िशक्षक चाहे तो गुरु बन अपने िशष्य का सही मागर्दशर्न कर सकता है । परंतु आजकल की व्यवसाियक lifestyle में िशक्षक अपनी इस महत्वपूणर् भूिमका से अवगत नही हो पा रहे है । जब हम अपनी स्वयं की धारणाओं और संस्कारो से पिरिचत होगं े तभी हम अपने िशष्यों का सही मागर्दशर्न कर पाएं गे । जाने अंजाने में हम अपने िशस्यों पर अपने सं स्कारों की छाप छोड़ देते है । िजनको बच्चा ग्रहण कर लेता है और उन सं स्कारों को लेकर अपना जीवन व्यतीत करने लगता है । ऐसे में कई बार नकारात्मक भी pass on हो जाते है । इसके िलए हमें चािहए िक हम अपना व्यवहार, धारणाओं और ग्रहण िकए हुए सं स्कारों पे गौर करें, उनपे िनष्पक्षता से िचंतन और मनन करें तािक अपनी नकारात्मकता को सकारात्मकता में बदल सके । िनयिमत रूप से ऐसा करने से प्रौढ़ गुरु के रूप में उभरेंगे, जो अपने िशष्यों को अंतमर्ुखी बना सकें और कक्षा में उनके पं चकोश िवकास की ओर िवकिसत कर सकें गे | इस journal का एक मात्र लक्ष्य आपको आपकी कक्षा में प्रचिलत धारणाओं से अवगत कराकर उन पर मनन और िचंतन कराना है तािक नकारात्मक िवचारों की उन किड़यों को तोड़ सकें जो बच्चों के पं चकोश िवकास में बाधक हो |
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